First Class Admission Age Limit – अगर आपके घर में छोटा बच्चा है और आप उसके स्कूल जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। हरियाणा सरकार ने पहली कक्षा में दाखिले के लिए उम्र को लेकर नया नियम लागू कर दिया है। अब चाहे स्कूल सरकारी हो या प्राइवेट, सभी को इस नियम का पालन करना होगा। बहुत से माता-पिता हर साल इसी उलझन में रहते हैं कि बच्चे को स्कूल भेजें या नहीं, उम्र सही है या नहीं। लेकिन अब इस कन्फ्यूजन से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि हरियाणा शिक्षा विभाग ने साफ-साफ गाइडलाइन जारी कर दी है।
पहली क्लास में दाखिला – अब सिर्फ 6 साल की उम्र में
हरियाणा शिक्षा विभाग के नए नियम के मुताबिक अब पहली कक्षा में एडमिशन लेने के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 6 साल होनी चाहिए। मतलब ये कि अगर आपका बच्चा 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल का हो चुका है, तभी वह पहली कक्षा में पढ़ने के लिए योग्य माना जाएगा। लेकिन थोड़ी राहत की बात यह भी है कि जिन बच्चों की उम्र 1 अप्रैल तक पूरी नहीं हो पा रही है, लेकिन वे 30 सितंबर 2025 तक 6 साल के हो जाएंगे, उन्हें भी एडमिशन मिल सकेगा। यानी साल बर्बाद नहीं होगा और बच्चा समय पर स्कूल जा सकेगा।
पहले क्या था नियम?
अब आप सोच रहे होंगे कि पहले तो बच्चे 5 साल 6 महीने की उम्र में ही पहली क्लास में एडमिशन ले लेते थे। बिल्कुल सही सोच रहे हैं! सत्र 2024-25 तक यही नियम था, लेकिन अब इसे बदला गया है। इसकी वजह है कि बहुत छोटे बच्चों को स्कूल में शुरुआत में काफी दिक्कत होती है। न तो वे पढ़ाई में मन लगा पाते हैं और न ही क्लासरूम का माहौल उन्हें समझ आता है। इसलिए बच्चों के बौद्धिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए उम्र की सीमा को बढ़ाया गया है।
हर स्कूल पर लागू होगा ये नियम
सबसे बड़ी बात ये है कि यह नियम सिर्फ सरकारी स्कूलों पर ही नहीं बल्कि सभी प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होगा। हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशालय ने साफ कर दिया है कि कोई भी स्कूल इस नियम से बाहर नहीं होगा। सभी स्कूलों को यह नियम फॉलो करना होगा, चाहे वह किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो।
इस फैसले के पीछे की सोच क्या है?
सरकार का मानना है कि जब बच्चा सही उम्र में स्कूल जाएगा, तभी उसकी पढ़ाई की नींव मजबूत होगी। बच्चा चीजों को सही से समझेगा, पढ़ाई में मन लगाएगा और टीचर की बातों को आसानी से समझ पाएगा। साथ ही, स्कूल का नया माहौल भी उसे सहज लगेगा। कम उम्र में स्कूल भेजने से कई बार बच्चा खुद को एडजस्ट नहीं कर पाता और फिर पढ़ाई उसके लिए बोझ बन जाती है। यही वजह है कि सरकार ने ये अहम फैसला लिया है।
Pre-Primary से First Class में प्रोन्नति – क्या है नियम?
अक्सर ऐसा होता है कि बच्चा नर्सरी या केजी कर चुका होता है, लेकिन उसकी उम्र पहली क्लास के लिए तय मानक से थोड़ी कम होती है। ऐसे मामलों में शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अगर बच्चा 30 सितंबर 2025 तक 6 साल का हो रहा है, तो उसे पहली क्लास में प्रमोट किया जा सकता है। इसका मकसद ये है कि बच्चे का एक साल खराब न हो और वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके।
NEP 2020 के अनुरूप फैसला
यह निर्णय नई शिक्षा नीति 2020 यानी NEP के अनुरूप लिया गया है। NEP 2020 में भी पहली क्लास में एडमिशन के लिए 6 साल की न्यूनतम उम्र तय की गई है। हरियाणा इस नीति के साथ खुद को तालमेल में लाकर देशभर की शिक्षा व्यवस्था के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है।
अभिभावकों को क्या करना चाहिए?
अब जब नया नियम आ गया है तो माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की जांच कर लें। अगर उसमें कोई गलती है या तारीख गलत है, तो तुरंत नगर निगम या पंचायत से उसे सही करवा लें। जरूरी कागजात पहले से तैयार रखें ताकि एडमिशन के वक्त कोई परेशानी न हो। क्योंकि स्कूल सबसे पहले जन्मतिथि ही चेक करते हैं और उसमें अगर कोई दिक्कत होती है तो एडमिशन रुक सकता है।
शिक्षा विशेषज्ञों का क्या कहना है?
शिक्षा क्षेत्र के जानकार भी इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि 6 साल की उम्र बच्चे के स्कूल जाने के लिए सबसे उपयुक्त होती है। इस उम्र में बच्चा पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार होता है, क्लासरूम की एक्टिविटी को अच्छे से समझ पाता है और अपने साथी बच्चों के साथ भी जल्दी घुल-मिल जाता है। इससे उसकी शुरुआती पढ़ाई मजबूत होती है और आगे जाकर वह बेहतर प्रदर्शन करता है।
हरियाणा सरकार का ये कदम न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में है बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी है। सही उम्र में बच्चा स्कूल जाए, यह जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है कि माता-पिता भी इस बदलाव को समझें और इसके अनुसार तैयारी करें।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी हरियाणा सरकार की जारी अधिसूचना और शिक्षा विभाग की गाइडलाइन पर आधारित है। कृपया किसी भी अंतिम निर्णय से पहले संबंधित स्कूल या विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट या कार्यालय से पुष्टि अवश्य करें।