Gold Rate – अगर आप भी सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं या पहले से ही निवेश कर चुके हैं, तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। सोने की कीमतें इस वक्त अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर हैं और हर किसी की नजर अब यही है कि आखिर 2025 के अंत तक सोना कितने का होगा? जून के तीसरे सप्ताह में 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपये के पार पहुंच चुका है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है – आगे क्या होगा?
क्यों अचानक इतनी बढ़ गई सोने की कीमत?
बीते कुछ महीनों में सोने की कीमतों में जो तेजी आई है, उसके पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही राजनीतिक उठापटक। खासकर मध्य पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर के निवेशकों को असुरक्षित महसूस करवाया है। ऐसी परिस्थितियों में जब लोगों को अपने पैसे की सुरक्षा चाहिए होती है, तो वे सोने जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर भागते हैं। यही वजह है कि अचानक सोने की मांग बढ़ गई और उसके साथ ही कीमतें भी ऊपर चली गईं।
वैश्विक घटनाओं का भारतीय बाजार पर असर
ये बात समझना जरूरी है कि सोने की कीमतें सिर्फ भारत में नहीं बढ़ीं, बल्कि पूरी दुनिया में यही ट्रेंड देखने को मिला है। अमेरिका और चीन जैसे देशों के बीच व्यापारिक युद्ध, यूरोप में मंदी की आशंका, और तेल की कीमतों में उछाल जैसी स्थितियों ने निवेशकों को शेयर बाजार से दूर कर दिया है। नतीजा यह हुआ कि सोने में निवेश बढ़ा और कीमतें आसमान छूने लगीं।
शादी-ब्याह और त्योहारों ने भी किया असर
भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, एक परंपरा भी है। शादी-विवाह का सीजन और त्योहारों का वक्त आते ही बाजार में सोने की मांग बढ़ जाती है। इस साल भी ऐसा ही हुआ। अप्रैल और मई में थोड़ी गिरावट के बाद जून में जैसे ही शादियों का सीजन शुरू हुआ, मांग फिर से बढ़ी और कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गईं।
2025 में क्यों दिखा इतना जबरदस्त उछाल?
2025 की शुरुआत में सोना करीब 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था और अब जून में वह एक लाख के पार चला गया है। यानी लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी सिर्फ छह महीनों में! यह उछाल इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले कुछ सालों में इतना बड़ा उछाल कम ही देखा गया है। इसकी एक वजह है अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लगाई गई आर्थिक पाबंदियां, जिससे दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है। जब लोगों को ये डर होता है कि कहीं उनके पैसे का मूल्य न घट जाए, तो वे उसे सोने में बदलना बेहतर समझते हैं।
ब्याज दरों की भूमिका
दुनिया भर के कई देशों ने इस साल ब्याज दरें घटा दी हैं ताकि अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके। लेकिन जब बैंक में ब्याज कम मिलता है, तो लोग अपना पैसा सोने में लगाते हैं क्योंकि वहां उन्हें बेहतर रिटर्न दिखता है। यही कारण है कि कम ब्याज दरों का सीधा फायदा सोने को मिला है।
MCX पर भी रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर भी सोने ने इस साल धमाल मचाया है। यहां सोने की कीमतें 99 हजार रुपये तक पहुंच चुकी हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे यह साफ होता है कि सिर्फ स्थानीय बाजार ही नहीं, बल्कि कमोडिटी मार्केट में भी सोने की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
क्या होगा साल के अंत तक?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि 2025 के आखिर तक सोने का क्या होगा? विशेषज्ञों की मानें तो अगर दुनिया की राजनीतिक स्थिति ऐसे ही अस्थिर बनी रही, तो सोने की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि सोना 1 लाख 38 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। हालांकि, अगर हालात सुधरते हैं, तो इसमें गिरावट भी देखी जा सकती है और यह 56 हजार रुपये तक भी आ सकता है। यानी जो भी निवेशक हैं, उन्हें इस वक्त बहुत सोच-समझकर कदम उठाना होगा।
निवेश से पहले समझदारी जरूरी
सोने की कीमतें जितनी तेजी से बढ़ती हैं, उतनी ही तेजी से गिर भी सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह का बड़ा निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति को अच्छे से समझें और कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें।
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Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियाँ किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं हैं। सोने में निवेश करने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें और बाजार की मौजूदा परिस्थितियों की अच्छी तरह जांच करें।